तू तारिणी तू तारिणी
तू तारिणी तू तारिणी – हिंदी कविता – तुमने तो मुझे मेरे जीवन की सबसे खूबसूरत संध्या में से एक दी है जिसमें अपने दर्शन दिए।
तू तारिणी तू तारिणी – हिंदी कविता – तुमने तो मुझे मेरे जीवन की सबसे खूबसूरत संध्या में से एक दी है जिसमें अपने दर्शन दिए।
आशिक़ी से resign – हिंदी कविता – अब तो वैलेंटाइन का हफ्ता भी निकल गया और हम रह गए सुखझंडु के सुखझंडु, इसलिए कर रहे हैं आशिक़ी से Resign
बचपन का घर – ये न ही कविता है न ही गद्य, पर कुछ है, जिसमें मैं अपने बचपन को तलाशता हुआ अपने बचपन के घर जाता हूँ
आख़िर ये मन क्यों रेत हुआ जा रहा | हिंदी कविता – मानस मुकुल
क्या होता है जब मन रेत हुआ जा रहा होता
पढ़िए और अपने विचार रखिये
Human, MBA, Business Consultant, Actor, Software Engineer, Writer, Blogger, Joker, Humorous and fun loving, interested in sports and loves dancing...