बहुत दूर है मंज़िल | हिंदी कविता

बहुत दूर है मंज़िल – हिंदी कविता – मानस ‘समीर’ मुकुल – सवालों के शोर में क्या खुद की आवाज़ सुन पाओगे? बहुत दूर है मंज़िल…